Life Is About Sorrow Poem by Priyanka Gupta

Life Is About Sorrow

Rating: 4.5

जीवन का सार बड़ा
इक दिन में लिखा जाये न
सच क्या है ज़िन्दगी का
खुद वक़्त तुझे बतलायेगा
पहचान कर असल ज़िन्दगी की
यूँ कहाँ तू दर दर भटका जायेगा! ...

कौन कहता है सुख की महफ़िल में
दुःख की बरसात नहीं होती
दुःख जब आने लगता है
उसकी आवाज़ नहीं होती...

पतझड़ आता है
रौनक मुँह मोड़ने लग जाती है
जब आता है वक़्त मुश्किलों का
क्या होती है ज़िन्दगी
तब ये बात समझ में आती है...

Monday, October 27, 2014
Topic(s) of this poem: sorrow
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