कल ही तो मुलाकात हुयी Poem by Ajay Kumar Adarsh

कल ही तो मुलाकात हुयी

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चलो तुम ना आये
पर कुछ तो बात हो गयी!
तेरी यादें जो दिल में थी
अब काग़ज पर उतर-कर
दुनियॉ की ख़ातिर
तेरी याद में कोई नगमात हो गयी!



तेरी यादों में, ना बना सकूं ताज
पर कुछ तो याद हो गयी!
कहीं सुनेगी कोई महफिल-
तो फिर तेरी बात हो गयी!



बीते कई सावन भादो
बसंत-बहार गुज़र गई!
कहती ये दुनियॉ सारी-
की ये बर्षों की बात हो गयी!
पर दिल को मेरे लगता है
कल ही तो मुलाकात हुयी!
कल ही तो मुलाकात हुयी!

Friday, August 26, 2016
Topic(s) of this poem: love and friendship,memories
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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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