यादें Poem by Ajay Kumar Adarsh

यादें

Rating: 5.0

यादें ही तो जीवन के सहारे होते हैं!
भले सितारों की चमक ना हो इनमे,
पर साफ साफ हर ईक नज़ारे होते हैं!



यादें हर एक के पास होती हैं!
कुछ अछ्ची कुछ बुरी,
कुछ खट्टी कुछ मिठी!
हर यादें, होती अनूठी!

यादें कैसी भी हो, पर कुछ तो नज़ारा होता है!
जिनमे खो जाना ही दिल को गवारा होता है!

वो मौसम भी बड़ा सुहाना था!
जब दोस्तो के संग कॉलेज में,
कहीं ज़मना तो कहीं ज़माना था!
किसने किसको propose किया,
किसने किसका rose लिया!
हर इक बातें होती थी!

कभी शरारत कभी नज़ाकत!
कभी बात-बात पे होती थी दावत!

कभी GH-1 से GH-6 तक चक्कर भी लगाये जाते थे!
कभी-कभी किसी कन्या से नयना भी लड़ाये जाते थे!
मिस-टीचर से बतों को हम रोज़ बढाये जाते थे!
कभी-कभी किसी टीचर के ऑखों में चुभाये जाते थे!

क्या हस्ती थी क्या मस्ती थी!
जीवन क्या खूब ही सस्ती थी!
ना धूप लगे ना पॉव फटे!
बेख़ौप बड़े दिन रात कटे!


क्या खोया क्या पाया हमने?
कौन इसे समझाता है?
पर! यादें जितनी तीखी होंती,
जीवन उतना ही सवर पाता है!


नोट: तीखी = अछ्ची/बुरी, खट्टी/मिठी!

Saturday, August 6, 2016
Topic(s) of this poem: memories
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 17 August 2016

स्कूल और कॉलेज की यादें भी कमाल की होती हैं. उस मस्ती का अच्छा वर्णन किया है आपने. धन्यवाद. यादें कैसी भी हो, पर कुछ तो नज़ारा होता है! जिनमे खो जाना ही दिल को गवारा होता है! Please Edit: purpose (परपज़) = उद्देश्य......propose (प्रोपोज़) = प्रस्ताव रखना या हाथ मांगना

2 0 Reply
Ajay Kumar Adarsh 17 August 2016

बहुत बहुत धन्यवाद सर!

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SATISH CHANDRA YADAV 16 August 2016

निगाहे बदली मगर अहदे वफ़ा नहीं बदला, तूफानों में कभी हमने नाखुदी नहीं बदला, बहारे आई और आकर चली गयी, मेरे चमन से लेकिन दौरे खिज़ा नहीं बदला ……

3 0 Reply
Ajay Kumar Adarsh 17 August 2016

वाह क्या बात है सतीश भाई.....

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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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