तेरी चाह Poem by Ajay Kumar Adarsh

तेरी चाह

Rating: 5.0

तेरी तस्वीरो को देख पुरानी
यादे ताजा रखते हैं!
जिंदा हूँ तेरी चाह लिये
और वादे पुरा करते हैं!

Wednesday, August 17, 2016
Topic(s) of this poem: memories
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 19 August 2016

इन चार पंक्तियों में आपने एक विरही हृदय में दबे प्यार व उसकी पीड़ा का सुंदर वर्णन किया है. धन्यवाद, अजय जी. पहली दो पंक्तियाँ लाजवाब हैं: तेरी तस्वीरो को देख पुरानी यादे ताजा रखते हैं!

1 0 Reply
Ajay Kumar Adarsh 21 August 2016

आपके सुंदर, सटीक व अर्थपुर्ण टिप्पन्नी के लिये बहुत बहुत धन्यवाद सर.!

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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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