मोहब्बत Poem by Ajay Kumar Adarsh

मोहब्बत

Rating: 5.0

जो थे बेवफा मोहब्बत मे
आवाद हो गये!
दिल हार के दिवाने कई
बर्बाद हो गये!
इश्क़ की हदे भी होती हैं!
मंजिल भी होते हैं!
पर क्या करे जो कदम कोई
लाचार हो गये!
वो छोड़ कर यूं राहों में
आजाद हो गये!
था गुरूर जिनके वादों पर
वो नराज़ हो गये!

Sunday, August 7, 2016
Topic(s) of this poem: love and life
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Ajay Kumar Adarsh

Ajay Kumar Adarsh

Khagaria (Bihar) / INDIA
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