Akanksha Vatsa Poems

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1.
परदेसी

ज़िन्दगी का समन्दर

ठहरा-ठहरा सा है
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2.
Midnight Diaries

A storming thought was able to draw a bead on,
Troubled onerous to fly higher,
However, could not blow it's wing out of dire,
Deep below the ocean, the red queen was holding the wire.
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शर्तों की खेल में बिछरता
जैसे शतरंज का कोई गुलाम,
खोखली ख्वाहिशों की चाल चलता
जैसे मौत को दे रहा कोई पैगाम।
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4.
मेरी इज़्ज़त

हर दिन गुज़र रहा है
और हर एहसास को ज़र्द कर रहा है
एक नहीं दो नहीं मेरी इज़्ज़त को
तार-तार हर एक मर्द कर रहा है
...

5.
आप

मशहूर नहीं आपकी शख्सियत की तरह,
की हर मेहफ़िल में मश्ग़ूल पायें जाएं,
जाम पे जाम पियें आपकी जीत का,
और अपनी ही हार पे खिलकिलायें जाएं।
...

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