ऐ वक्त Poem by Sukhbir Singh Alagh

ऐ वक्त

ऐ वक्त, मैं तुझसे कुछ माँगू, बता देगा क्या?
मैं अपना बचपन फिर से चाहता हूँ, लौटा देगा क्या?
मेरा इतना सा काम तू करेगा क्या?
वो ख़ुशी बड़े पहलों को लौटा देगा क्या?


ऐ वक्त, मैं तुझसे कुछ माँगू, बता देगा क्या?
मैं वो मौज़ मस्ती फिर से चाहता हूँ,
बता देगा क्या?
मेरा इतना सा काम तू करेगा क्या?
इन दिनों के कुछ घंटे बड़ा देगा क्या?


ऐ वक्त, मैं तुझसे कुछ माँगू, बता देगा क्या?
मैं अपना परिवार फिर से मांगता हूँ बता देगा क्या?
मेरा इतना सा काम तू करेगा क्या?
वो बीत चुके पल लौटा दे, बता देगा क्या?


ऐ वक्त, मैं तुझसे कुछ माँगू, बता देगा क्या?
बता देगा क्या? बता देगा क्या? ......

Tuesday, May 9, 2017
Topic(s) of this poem: time
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