Deepak Vohra Poems

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मैं ही अवाम, जनसैलाब

मैं ही अवाम - जनसैलाब
मैं ही हुजूम ख़ल्क़-ए-ख़ुदा
क्या आपको मालूम है कि
दुनिया के श्रेष्ठ काम मेरे द्वारा हुए हैं?
...

दुनिया के वास्ते सूअर गोश्त क़साई
औजार बनाने वाला लुहार, गेहूं ढोने वाला काश्तकार,
रेलमार्ग संचालक, राष्ट्र का माल ढोने वाला मज़दूर,
जोशीला, प्रचण्ड, झगड़ालू,
...

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