शिक्षक Poem by Sankhajit Bhattacharjee

शिक्षक

Rating: 5.0

मैं एक शिक्षक हूँ,
कोई व्यवसायी नहीं हूँ।
नोट्स (टिप्पणियां) दें और नोट्स (रुपये) लें-
ऐसा बुरा काम मैं कभी नहीं करता हूँ।

अगर आपको पाठ समझमें आया
तो आप कामयाब हैं
और अगर मैं आपको सही से सीखा नहीं पाया
तो मैं कामयाब नहीं हो पाया।

शिक्षा मैं कभी दे नहीं सकता,
इसलिए कि शिक्षा आपके अंदर में है
और मैं बाहर से कैसे शिक्षा दूँ!
मैं सिर्फ आपको यह दिखा सकता हूँ
कैसे अपने अंदर से शिक्षा को आप बाहर ले आ सकते हैं।

जो लोग बोलते हैं,
'मैं शिक्षा देता हूँ',
वे गलत हैं।

COMMENTS OF THE POEM
M. Asim Nehal 28 March 2024

बहुत खूब, आपने एक सही शिक्षक की परिभाषा दी है, जो भीतर है उसको निखार कर वो बहार लाता है, ज्ञान दिया और लिया जा सकता है.5********

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