Diary (डायरी) Poem by Sharad Bhatia

Diary (डायरी)

Rating: 4.8

Diary (डायरी)

जिंदगी की जहोदजद से वक़्त निकाल कर,
आज कुछ डायरी के पन्ने पलटे।।

कुछ खाली, तो कुछ नम मिले,
कुछ अधूरे, तो कुछ पूरे मिले।।
कुछ शिकायतों से भरपूर, तो कुछ उलझे मिले,
देख रहा तन्हा मन इन्हें शायद किसी कोने में कुछ तो सुकूं मिले।।

पर शायद नहीं....? ? ?

कभी ये डायरी मेरी जान हुआ करती थी,
आज पड़ी किसी कोने में अपनी शिकायतो की गठरी लेकर।।
पर चेहरे पर कोई निशान नहीं,
उसे शायद पता हैं आज मैं भी तन्हा हूँ, और वो भी.., , ! ! !

बस हम दोनों एक दूसरे को देख मुस्काते,
शायद एक दूसरे के ज़ज्बात समझ जो जाते।।

एक शेर अपनी डायरी के ऊपर अर्ज़ करना चाहता हूँ

खुले आसमाँ की तरह दिखती तुम,
ना जाने कितनी राज की बातें अपने सीने में समेटती तुम।।
सोच सोच कर तुम पीली पड़ जाती,
फिर भी किसी से शिकायत ना करती तुम ।।

शायद डायरी हो इसलिए सब कुछ समझती तुम,
समझ जाती मेरे हालात, मेरी दिल की बातें,
जो कभी तुम्हारे साथ बाँट कर पूरी होती थी,
आज थम सी गई है शायद।।

सूख चुकी है कलम की स्याही,
ना अब शब्दों का भण्डार बचा,
शायद कही, मैं ही रुक सा गया हूँ।।

क्यूंकि वक़्त तो कब का निकल चुका,
खड़ा एक कोने में शायद फिर से जीना चाहता हूँ,
अपनी दिल की बहुत सारी बातें तुम्हें बताना चाहता हूँ,
पर शायद कही, मैं ही रुक सा गया हूँ।। ।।


एक प्यारा सा एहसास मेरी नन्ही कलम से
मेरी प्यारी डायरी के उस खाली पन्ने के बारे में जो कभी अपनी शिकायत मेरे से बयां नहीं कर पाए या शायद मैं नहीं सुन पाया
(शरद भाटिया

Friday, October 30, 2020
Topic(s) of this poem: emotional,sad love
COMMENTS OF THE POEM
Varsha M 31 December 2020

Time to make the year ending pages of diary special. Well written poem.

2 0 Reply
Sharad Bhatia 31 December 2020

Good morning M'am Thank you so much that I you like my short poem and appreciated me and my words.

0 0
Suresh Kumar Ek 02 November 2020

" pyara sa ehsas meri nanni kalam se" The clouds of sad, emotional love Makes the poem touching. Thanks Sharad

0 0 Reply
Rajnish Manga 30 October 2020

You have said it. Whenever you open your diary and read jottings of the past, you find that the diary starts talking to you about ups and downs, losses and gains, appreciations and complaints and so on. It's a mirror of whats happening around. Thanks, Sharad ji, keep writing your diary regularly.

0 0 Reply
Varsha M 30 October 2020

Diary is a very best friend and a beautiful poetry composition.

0 0 Reply
M Asim Nehal 30 October 2020

जीवन की सखी संगिनी जो आज कहीं लुप्त से हो गई है बंद पन्नों में कितनी जीवन गाथाएं दबाए हुए समय की गर्द ने भी इसे धुंधला दिया है आपने एक डायरी का दर्द अपनी इस कविता में लिखकर हम सबको जगा दिया है। बहुत खूब, धन्यवाद। 100****

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