Khushboo Ho Tum (खुशबू हो तुम) Poem by Dhaneshwar Dutt

Khushboo Ho Tum (खुशबू हो तुम)

Rating: 4.5

फूलो से खुशबू और खुशबू हो तुम
ज़िंदगी है सांसों से और सांसे हो तुम
तुझसे ही ज़िंदगी और ज़िंदगी हो तुम
ख़ुशी है तुमसे और हर ख़ुशी में हो तुम
चाहत हो सबकी पर मेरी चाहतो में हो तुम
ख़्वाब है मेरे पर हर ख़्वाबों में हो तुम
दुनियाँ है तुम्हारी पर मेरी दुनियाँ हो तुम
हर दिल की धड़कन पर मेरी धड़कनो में हो तुम
बाते हो सबकी पर मेरी बातो में हो तुम
ज़िंदगी है सांसो से और सांसे हो तुम
फूलो से खुशबू है और खुशबू हो तुम

Khushboo Ho Tum (खुशबू हो तुम)
Friday, July 31, 2015
Topic(s) of this poem: romantic sayings
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
Khushboo Ho Tum (खुशबू हो तुम)
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 24 December 2015

दुनियाँ है तुम्हारी पर मेरी दुनियाँ हो तुम हर दिल की धड़कन पर मेरी धड़कनो में हो तुम / प्यार का यह एक मनोहारी रूप है. बहुत सुंदर. धन्यवाद, मित्र.

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