थिएटर Poem by Shobha Khare

थिएटर

हीरो बोले फिल्म मे हिन्दी के संवाद
अन्य कार्यक्रम मे मगर इंग्लिश आती याद

भीख माँगकर स्वय को जो अंधा बतलाए
वो थिएटर मे रात को फिल्म देखने जाय


ठीक समय और तिथि पर यम तुमको ले जाए
हाइ कोर्ट का जज कोई, स्टे न दे पाये II

Wednesday, May 20, 2015
Topic(s) of this poem: life
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